सवाल है ...

सवाल है बवाल है, विस्मयी दृष्टिकोण है
अमन से न जवाब है न अमन का अब ख्याल है
अखंडता यहाँ टूटती, अभदरता अब फैलती
प्राण-परं जा रहे अब बिखरता सविंधान है ...X2
अभिव्यक्ति की आवाज़ दबती काहे अब देशभक्ति की मिसाल है
क्रूरता की हद अब करदी जमूरियत के नाम है
निष्पक्षता से बहुमत एहसेहमत क्यों शोर ही आवाज़ है
बेरोज़गार नौजवान है क्यों पनपता भरस्टाचार है ...X2
भगवा पताका लहरता जब देश टुटा जा रहा
मज़हब पर करते वार ले संकीर्द सोच सियासतों की ढाल से
शिक्षा का आभाव है पर निरक्षरों का राज है
घुटते संसथान है अब बिखरता सविंधान है ...X2
रोज़गार न सामान्य को पिछड़े को तब धिकार है
जो रोज़गार न पिछड़े को तोह लकीरो को उपहास है
जानवर से स्नेह अब यु इंसान का शिकार है
टूटे मंदिर पिछडो के तब मनुवादियो के राम है... X2
क्या शहरो मे बस्ते अनपढ़ या किसान है लाचार अब
फ़क़ीर साधु बनते नेता क्यों शहरो क बदले नाम अब
क्या पवितरता अपवितरता का ढोंग ही हथियार ह
न कोई अल्ला राम दिल मे अब बस सब अहम की बात है
दिल मे भीष्म आग है देश मे अन्धकार है ...X2
क्यों फरेब है गरीब का न बुलंद कोई आवाज़ है
देश जिन्होंने किआ शर्मसार है अब उन भक्तो का भहाव है
अब लाचार की आवाज़ झूठी खबरों मे है दब रही
और मेरे मुस्लिम भाई की बस सांस-स्वास चल रही ...X2
न न्याय है हवाई विकास है
जवानो पर करते सियासत वे उन्हें लज्जित
यथार्थ ये शाहदतो का उपहास है
ये मेरा आभास है अब हिंदुत्व का शंकनाद है...X2
जब टूटती अखंडता भीकर रहा सविंधान है
मिट रहा सविंधान है मर रहा सविंधान है
पर फिर अब ये सवाल है ये किसके सर अब ताज है
जब हिंदुत्व का शंकनाद है पर मर रहा सविंधान है .....X2
सवाल है सवाल है कोई तो दे जवाब अब ....
सवाल जो किये है क्या मिलेंगे जवाब अब
सवाल क बदले मे कुछ उठ सवाल है
मे किस जात किस धर्म का हु जो कर रहा सवाल हु
इस देश का हु भी मे या NRC से बहार हु ...
दिल मे थोड़ा प्रेम जानवर नहीं इंसान हु
कर्म है प्रधान जब जी रहा मे भी उस युग मे हु ...
सवाल है सवाल है नरम दिल से देना जवाब तुम ...

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