ज़रा याद करो

भूल गए उस खवाब को जो तुमने बंद पलकों से देखा था
ज़रा याद करो वो तुम्हारा अपना प्यार जो खुली पलकों से किआ मैंने अनदेखा था..
..
हाँ याद नहीं वो बात जो आहिस्ता से मैंने कहदी थी..
ज़रा याद  करो वो लम्हात जब एक तरफ थी तलब तुम्हारी और एक ओर मेरी खामोशी थी ..

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