आवाज़

वजूद मेरा अब कैसे बया करू..
वो लफ्ज़ो पर पहरे लगा रहे है।

में कहता हु ,
अहम मेरा अंग्रेजी है
ज़ुबा मेरी हिंदी
और मोहबात मेरी उर्दू है ।

पर साहिब मुझे डरा रहे है क्यों धमाका रहे है ॥

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